*सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों की रिश्वत को लेकर गिरफ्तारीयां बहूत कुछ बयां करती..*
*किसी भी विभाग या तहसील स्तर की स्थिति किसी से छिपी नहीं है..*
आज कल देखने मे आ रहा हैं कि सरकारी कर्मचारी रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार हो रहें हैं चाहे वह छोटा हो या बड़ा आखिर इससे से नजर आता हैं कि कहि भी कोई भी किसी का काम बगैर पैसे के नही हो रहा हैं! देश में रिश्वत लेने की जड़ें इस कदर मजबूत होती जा रही हैं कि उन्हें काटना शायद सरकार के वश की बात नहीं रह गई है!हर चुनाव में भ्रष्टाचार प्रमुख मुद्दा होता है!जो भी सरकार बनती है वह बढ़-चढ़ कर भ्रष्टाचार समाप्त करने के दावे करती है!मगर हकीकत यह है कि हर वर्ष रिश्वत व भ्रष्टाचार में सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों पर मुकदमे दर्ज हो रहें हैं इससे साफ नजर आता हैं कि रिश्वत का ग्राफ कितना बढ़ता हुआ दिखाई देता हैं!तो वही सरकार खुद अपने महत्त्वपूर्ण विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों को भ्रष्टाचार मुक्त व्यवहार के लिए अनुशासित नहीं कर पाया तो आखिर उसकी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई पर सवाल उठने स्वाभाविक हैं!किसी भी विभाग या तहसील स्तर की स्थिति किसी से छिपी नहीं है!सरकारी विभागों में छोटा से छोटा काम भी बिना रिश्वत के करा लेना बड़ी
उपलब्धि मानी जाती है!हालांकि सरकारों ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए डिजिटल प्रणाली से पंजीकरण लेन-देन आदि की व्यवस्था कर रखी है मगर उसके समांतर अधिकारियों व कर्मचारियों ने रिश्वत और कमीशन का अपना रास्ता निकाल रखा है!